सेवा में 
"श्रीमान 
विषय:  भू-माफिया द्वारा जान से मारने की कोशिश तथा जमीन हड़पने    
           की  कोशिश करने के सन्दर्भ में। 
महोदय 
निवेदन है कि प्रार्थी  कुमार गुप्ता पुत्र श्री  पति गुप्ता निवासी ग्राम -  पो० व थाना-  जिला-  हाल पता मो०-   थाना कोतवाली जिला  का निवासी है। प्रार्थी के नाथ गुप्ता पुत्र स्व.  प्रसाद गुप्ता निवासी  जिला गाजीपुर ने पूर्वजों के समय से चली आ रही ठाकुर जी के सर्वराकार नियुक्त थे। जिसका आराजी नं. 39, 40 व 41 ( नया न. 68, 69, 89,90 व 91 ) रकवा 1.3821 हे. मौजा    परगना हवेली तहसील-  सदर स्थित है के बाबत अपने जीवनकाल में ही अपने भांजे मुकेश कुमार गुप्ता पुत्र श्री  पति गुप्ता पता उपरोक्त व  कुमार गुप्ता पुत्र  गुप्ता निवासी  जिला- गाजीपुर, हालपता : मो० –   जिला-  को उक्त ठाकुर जी की सम्पत्ति के रख-रखाव व अन्य  धार्मिक क्रिया-कलाप हेतू सर्वराकार  नियुक्त कर दिया तथा इस सम्बंध में इस बाबत विधिक रूप से न्यायालय द्वारा श्रीमान सिविल जज (जू.डी.) गाजीपुर मूलवाद संख्या 132/11 अजनाम  कुमार गुप्ता बनाम  देवी दाखिल अदालत किया जिसमें संधि-पत्र के आधार पर समस्त कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद माननीय न्यायालय द्वारा विधिक रूप से सर्वराकार के रूप में श्री मुकेश कुमार गुप्ता व रामेंन्द्र कुमार गुप्ता को जरिये डिक्री नियुक्त किया। तथा उक्त डिक्री पर माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 14/03/2012 आज्ञप्ति पारित कर पत्रावली दाखिल दफ्तर कर दी गयी। उसी समय से मुकेश कुमार गुप्ता व रामेन्द्र कुमार गुप्ता सर्वराकार के रूप में ठाकुर जी के उपरोक्त आराजीयात पर काबिज  दाखिल हो कर समुचित रूप से पूजा-पाठ एवं धार्मिक क्रिया-कलाप सम्पन्न करते चले आ रहे हैं। बाद में सर्वराकार  कुमार गुप्ता की मृत्यु हो गयी | उनके बाद उनके पुत्रगण सर्वराकार का कार्य कर रहे हैं। चुंकि सम्पत्ति ठाकुर जी की है। प्रार्थी व  कुमार के पुत्रगण अपने अपने कार्यों में व्यस्त रहने की वजह से, उक्त भुमि  मुल्यवान है। इसलिए हड़पने की योजना बना रहे भू-माफिया महेन्द्र यादव (प्रधान) पुत्र स्व.  यादव ग्राम , कोतवाली सदर गाजीपुर अपने साथ कुछ भू-माफिया जैसे- र्या पुत्र  मौर्या नि० -ग्राम-  परगना व तहसील   व  पाण्डेय -पुत्र  पाण्डेय निο-ग्राम-  नामजद -  परगना-  जिला -  आदि मिलकर उक्त जमीन को अवैध तरीके से न्यायालय को धोखा व अंधकार मे रखकर कागजों पर षडयंत्र करने की कोशिश किया और उस न्यायालय से जिसके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जिसमें माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज (इलाहाबाद) द्वारा उनके आदेश को स्थगित किया जा चुका है। जो खतौनी  में दर्ज है। ये भू-माफिया उक्त जमीन को कब्जा करके, ये सभी  भू-माफिया बेचने की फिराक में लगे हुए हैं। 
मैं प्रार्थी दिनांक 18/07/2022 को उक्त आराजीयात का मेढ़ बंदी करवा रहा था। तभी उसी समय  यादव पुत्र स्व.  यादव अपने पुत्र  यादव  पुत्र  यादव व  पुत्र स्व. मु उपरोक्त सभी निवासी ग्राम  कोतवली जिला  है। सभी मिलकर मुझ प्रार्थी को  बुरी तरह से मारने पिटने लगे और हत्या करने की कोशिश करने लगे। तभी आस-पास के लोग एकत्रित होने लगे तथा उनके एकत्रित होने के बावजूद इन लोगों ने मारना चालू रखा और कहा अगर इस पर दुबारा दिखायी दिए तो जान से मारकर इसी में गाड़ देगें। मैं किसी तरह से वहाँ से जान बचाकर भागा व कोतवाली गया। जहाँ पर F.I.R. दर्ज किया गया जिसमें 323, 504 व 506 की धारायें लगायी गई है।  
ये भू-माफियाँ अभी भी खुलेआम घुम रहे हैं। उसमें  यादव के ऊपर पूर्व में भी कई तरह के आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं। इस पर यहाँ तक की गैंगेस्टर एक्ट लगा हुआ है। फिर भी यह भू-माफियाँ खूलेआम घूम रहा। 
यह कि महेन्द्र यादव एक तिकड़मी किस्म का व्यक्ति है। तथा गाँव क्षेत्र में एक अवैध गाल गिरोह जो उसके विधी विरुद्ध कार्यों में सहयोग प्रदान करते है। जिसका एक आपराधिक इतिहास भी है। यदि वह अपने विधी विरुद्ध क्रिया-कलापों के जरिए अपने मकसद मे कामयाब हो जाता है। तो प्रार्थी की अपूर्णीय क्षति होगी। 
अतः श्रीमान जी से प्रार्थना है कि भू-माफिया  यादव,    पाण्डेय व प्रेम प्रकाश मौर्या के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करते हुए ठाकुर जी की सम्पत्ति व प्रार्थी के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चीत किए जाने की कृपा करें । इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूंगा ।
     संलग्नक - छाया प्रति 
 
1.	सिविल जज (जू.डी.) के आदेश व डिक्री छायाप्रति 
2.	खतौनी की छायाप्रति
3.	   द्वारा अवैध प्रमाण-पत्र बनाने की छाया प्रति 
4.	SOC,CRO,के आदेश की छायाप्रति 
5.	 हाईकोर्ट 'प्रयागराज के आदेश की छायाप्रति 
6.	FIR की छाया प्रति 
           
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