पर्सनल detail साझा करना पड़ा महंगा @Cyber_Crime_news
दोस्तों आप सब ने कभी न कभी ऑनलाइन शॉपिंग किया ही होगा। और डिलीवरी कभी-कभी लेट से होती है या आइटम रिटर्न्स के बाद रिफंड का मामला हो, हम सब परेशान हो जाते है। जिस प्लेटफॉर्म (शॉपिंग कम्पनी) से आइटम खरीदते हैं उनसे बात नहीं हो पाती। तो Google पर search करते हैं। और सही वेबसाइट पर न पहुँच कर, किसी फ्रॉड कंपनी के नम्बर पर कॉल करके गलती करते हैं।
एक शख्स को 80 हजार का चूना लग गया। दरअसल उस व्यक्ति के एक पैकेज की डिलीवरी में थोड़ी देरी हो गयी। ऐसे में व्यक्ति ने कोरियर कंपनी का नंबर गूगल पर सर्च किया। कस्टमर केयर से बात करने पर उस व्यक्ति ने रिफंड करने की बात कही, जिस पर व्यक्ति से एक फॉर्म fill करवाया गया। वेरिफिकेशन के नाम पर उस व्यक्ति से Team Viewers Quick Support Download करने को कहा।जालसाजों ने कहा कि इससे कुरियर कम्पनी की लोकेशन ट्रैक हो जायेगी। आखरी में उस व्यक्ति से कहा गया कि आपको ₹2 की छोटी सी ट्रांजैक्शन करनी होगी जिससे डिलीवरी ना होने पर आपको रिफंड मिल जाए। इस प्रकार जालसाजों को उस व्यक्ति के डेबिट कार्ड की डिटेल भी प्राप्त हो गई।
आप सभी को बताते चलें कि टीम विवर सपोर्ट एक रिमोट लोकेशन सॉफ्टवेयर होती है जिसके माध्यम से कोई व्यक्ति दूसरे के फोन या कंप्यूटर में सेंध लगा सकता है डाटा चुरा सकता है फोन पर कब्जा कर सकता है। आपके msg पढ़ सकता है।
जालसाजों ने इसका फायदा उठाया और 40000 का की ट्रांजैक्शन के लिए ओटीपी उस व्यक्ति के फोन पर जैसे ही गई । उस मैसेज को पढ़ लिया और इस तरह से दो ट्रांजैक्शन करने पर ₹80000 गायब कर दिये।
ऐसे कई हादसे हर मिनट पर होते रहते हैं तो अपनी सतर्कता अपने हाथ सोशल मीडिया के प्रति जागरूक बने कंप्लेन करने पर कोई सुनने वाला नहीं होता है आप साइबर डिपार्टमेंट में भी कंप्लेन कर देंगे। सांत्वना के अलावा कुछ हासिल नहीं होने वाला। ऐसे लाखों f.i.r. पड़े हुए हैं जिन पर कोई ध्यान नहीं देता। न ही साइबर डिपार्टमेंट की कोई जवाबदेही होती है।
कंप्लेन कराओ भूल जाओ!
अगला पोस्ट 1 लाख 20 हज़ार वाला जरूर पढ़ें :
Comments
Post a Comment