जीप की सवारी

 चालीस से ज्यादा छोटे-बड़े गड्ढे जिनमें पानी के जमावड़े और टायर का छपाक से कूद जाना जैसे कोई तैराक तैरने के लिए हाथों को फैला रहा हो। जिधर गड्डा बड़ा हो उधर जाकर खुद को आनन्दित कर रहा हो। कई जगह खेतों में पानी ले जाने के लिए सुरंग खोदी जाती हैं, आने-जाने वाले राहगीरों के मुवायनों के लिए छोड़ दिया जाता है कि  शायद इससे भी पर्यटन का विकास हो।और सरकार की आय बढ़े तथा किसानों के हित के बारे में सोचा जाये।

सड़क से धुल ऐसे उड़ती हैं मानों वो भी फगुआ के रंग में रंग करके गुलाल उड़ा रहे हो,कई गाड़ियां ओवरटेक करते हुए निकलती हैं मानो, कोई कार या बाईक किसी कम्पटीशन में हिस्सा लिए हो।   बारीक कण कई बार आंख में हुडदंग मचा जाती हैं,क्योंकि "बुरा न मानो होली है, भाई" !
Chahniya to Mugal Sarai Road

चहनियां से मुगलसराय अर्थात प.दीन दयाल उपाध्याय नगर मार्ग पर मुश्किल है कि 2 से 3 km रोड सही हो,क्योंकि प्रत्येक कॉन्ट्रैक्टर को पंचवर्षीय योजना चलानी पड़ती है,वरना एक बार ढंग का रोड बनाकर भला कौन अपनी पेट पर लात मारे। कैली बाज़ार में रोड पर  एक छोटा-सा स्विमिंग तालाब भी बना हुआ है,जिसमें बगैर भेदभाव के सभी गाड़ियां इठलाती हुई कूद करके आगे की ओर निकलती हैं।

यदि सीट के आखिरी हिस्से में बैठ गए तो खैर नहीं, पीठ  या तशरीफ का एक हिस्सा सुज ही जाता है। शिकायत करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता, क्योंकि सुनने वाला कोई नहीं, अलबत्ता जवाब में इतना ज़रूर मिलेगा की वो आपकी मजबूरी है, या रिजर्व करके चले जाइये।
 जब क्षेत्रीय सांसद वोट मांगने या कीनाराम जी के जन्मोत्सव पर यहाँ पदार्पण करते हैं,फिर छमाही या सलाना बजट की तरह, जगह-जगह रोड  ऑपरेशन  चलाया जाता है, सायकिल के तरह पंचर हो जाने पर सुलेशन के साथ चिप्पी लगा दी जाती है और  एक बार फिर कार्य प्रगति  है, यही संदेश दे दिया जाता है।

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