Frod complain kaise likhe court sdm varanasi | Court ke liye Awedan kaise likhe | धोखाधड़ी के अर्थ में प्रार्थना-पत्र कैसे लिखें

 

सेवा में                                                                                                   दिनांक:

माननीय कोर्ट एसडीएम सदर, वाराणसी

विषय -    धोखाधड़ी के अर्थ में प्रार्थना-पत्र निम्नलिखित:

 

यह है कि मैं वृद्ध अनपढ़ राम पुत्र स्व ग्राम- परगना -अमानत तहसील सदर व थाना का निवासी हूँ।

1.      यह कि मैं बहुत ही गरीब तथा जाति वर्ग मल्लाह की है।

2.      यह कि मेरी उम्र 70 वर्ष के लगभग हो चुका है।

3.      यह कि मेरे साथ धोखाधड़ी करने वाले निम्नलिखित  यादव पुत्र  जी ग्राम ग्राम, थाना के अंतर्गत माधोपुर ग्राम में मेडिकल पर प्रैक्टिस करने वाले पेशे से डॉक्टर हमीद भारतीय हैं।

4.      यह कि धोखाधड़ी करने व गुमराह करके लंबे समय बिताना व पैसा वापसी न करने के एवज में धमकाना, जान से मारने की धमकी तथा मोबाइल पर गाली-गलौज करने आदि तक का आये दिन व्यवहार किया जाता रहा और मुझे हर स्थिति को सहन करना पड़ रहा है।

5.      यह कि मुझे दो टाइम के भोजन के लिए घर-घर घूमना पड़ रहा है जिसके लिए मैं मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश के राज्यपाल महोदया को भी संबोधित के जरिए प्रार्थना पत्र किया हूँ तथा जन-सूचना द्वारा जवाब भी मांगा गया है तथा यह कि एसडीएम कोर्ट में भरण-पोषण अधिनियम तहत मुकदमा विचाराधीन है जो अपने आप में एक का प्रमाण है गरीबी को झेलने का।

6.      यह कि लगभग 8 साल पूर्व में दिनांक 16 जुलाई सन 2014 को एक बार 30000 हजार रूपया नगद अपनी गाढ़ी कमाई का डॉक्टर हमीद भारतीय के कहने से रमेश पुत्र राम जी को इस आधार पर दिया कि मैं अनपढ़ आदमी हूँ। बैंक में पैसा जमा करने का तरीका हमें मालूम नहीं है या मेरा पैसा सरकारी बैंक में मेरे नाम से फिक्स करवा देना, यदि सरकारी बैंक में फिक्स नहीं हो पाएगा या नहीं करेगा तो हमारा पैसा रिटर्न कर देना।

7.      यह कि दिनांक 16 जुलाई सन 2014 को 20000 हजार रूपया जमा की रसीद पत्र या प्रमाण पत्र के रूप में मुझे रमेश द्वारा कागजात दिया गया है।

8.      यह कि दिनांक 18 जुलाई सन 2014 10 हजार रूपया की जमा हो जाने का राशि देते हुए रमेश द्वारा कहा गया कि मैं आपके नाम से सरकारी बैंक में पैसा जमा कर दिया हूँ। जिसकी रसीद दिनांक 16 जुलाई सन 2014 की तथा 15 जुलाई सन 2014 की दो रसीद अपने पास संभाल कर रखो। जब समय पूरा हो जाएगा तब आपको जमा धन का दोगुना धन मिलेगा दोनों रसीद एक 20000 की वह दूसरी 10000 हजार रूपये की है।

9.      यह कि मैं जब इधर बीच आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है तो मैं रमेश से कहा कि मेरे धन का समय पूरा हो गया है वह तो मुझे दिलवा दे, बैंक से यदि समय पूरा नहीं हुआ हो तो मुझे लोन दिलवा दो ताकि मैं दवा दर्पण वह भोजन कर सकूँ।

10.  यह कि मुझे कई बार लंबे समय से दोहराता रहा, लेकिन पैसा मुझे मिला। कहीं खाने का ठिकाना ना होने के कारण मैं खाने के लिए एसडीएम सदर में मुकदमा किया हूं।

 

प्रार्थना

यह कि प्रार्थना पत्र वर्णित किए गए समस्त विषय को ध्यान में रखते हुए दोनों गुनाकार रमेश वह हमीद भारतीय पर इंडियन पीनल कोर्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत करते हुए मेरे मूलधन तथा अब तक जिस तरह से मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया गया। सब मिलाकर करके 2 लाख रुपया  दिलवाने का आदेश जारी किया जाये।

 

मोबाइल                                                                                                 प्रार्थी

8008102010                                                                                  राम

                ग्राम-          ,पो-  

                    थाना  

                  जिला-  , उ.प्र

           

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